लाल होंठ देख मैं हुआ बेहोश !

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हैलो दोस्तो, मैं मिथलेश राजी । आज आपके लिए एक ऐसा कविता लाया हूं जो आपके डायरेक्ट दिल पर राज कर लेगा। यदि आप किसी से प्यार करते हैं या करने के लिए सोच रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी ! 
यह कविता प्यार करने वाले के लिए बहुत तगड़ा रंग ला देगा यह मेरा दावा नहीं बल्कि चैलेंज बा।
तो आगे बढ़े और पढ़े फिर मुझे बताएं जो बोला मैं वो सच था या झूठ, यदि सच होगा तो कमेंट में जरूर बताएगा ।
Not:–यह कविता आपको का कैसे पढ़ना है हर पैराग्राफ के बाद एक फोटो मिलेगा और हर फोटो के बात कविता का लाइन, आप हर लाइन को एक साथ जोड़कर पढ़े लगभग 40 लाइन की कविता है, आपको पूरा पढ़ना है फोटो को छोटे । फोटो येसे शोभा के लिए लगाया गया है । अर्थात  सबसे नीचे लाल रंग  जीजी
उम्मीद करता हूं आपको समझ मैं आ गया होगा । धन्यवाद ।
आगे बढ़े आप कहानी का आनंद लीजिए ।
आप का दिन शुभमगलमय हो ।

रोचक सिंगार देख उर गया होश ।
पाके तुम्हे ना बचा कोई सोच ।।
जिंदगी में पहली बार ऐसा हुआ ।
लाल होंठ देख मैं हुआ बेहोश ।।

होंठ खोल के जब करती हो बात ।
होने लगी दिल के ऊपर बरसात ।।
खूबसूरती तेरी देख-देख कर ।
सृष्टि रचेता भी खा जाये मात ।।
बड़े-2 आगे तेरे हो जाये खामोश ।
बार-2 देखें फिर भी ना संतोष ।।
जिंदगी में पहली बार ऐसा हुआ ।
लाल होंठ देख मैं हुआ बेहोश ।।

सजधज के जब देखती हो- दर्पण ।
नैनो काजत धरकाती है धरखन ।।
चुरी, कंगन, खनकती है जब ।
बिन साज के, बाज़ती है सरगम ।।
प्यारी सूरत तेरी देखूं मैं रोज ।
पूरा हुआ मेरा वर्षों को का खोज ।।
जिंदगी में पहली बार ऐसा हुआ ।
लाल होंठ देख मैं हुआ बेहोश ।।

 क्या हो गया मुझे,मुझे पता ही नहीं चला ।
मिथलेश राजी तेरे नाम का, जपता है माला ।।
मेरी जिंदगी अचानक बदल गई ।
तेरी जुल्फे उर- उर के न जाने कैसा खेल खेला 
प्यार में पहली बार आया मोज ।
लर गई हमसे चोंच में चोंच ।।
जिंदगी में पहली बार ऐसा हुआ ।
लाल होंठ देख मैं हुआ बेहोश ।।

पूरी तूने की मेरी फरमाइस ।
अब ना बचा मेरे पास कोई ख्वाहिश ।।
चढ़ी जवानी उमर तेरी बीस ।
बैठे ही बैठे करवाई मुझे सेर ।।
देके मुझे एक लंबी किस ।
तुमसा जीवन साथी से जिंदगी हो जाये मोक्ष ।।
तेरी जवानी में कहीं भी ना दोष ।
जिंदगी में पहली बार ऐसा हुआ ।।
लाल होंठ देख मैं हुआ बेहोश।

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